गर्भ कल्याणक की शुभ घड़ी आई || garbh kalyanak ki subh ghadi aai

गर्भ कल्याणक की शुभ घड़ी आई, बधाई हो बधाई वामा माता बधाई…

सोलह सपने अद्भुत देखे, उनके फल राजा से पूछे।
रानी तेरे गर्भ से सुन्दर पुत्र होगा, तीन लोक का नाथ बनेगा।
स्वप्न फलों को सुन माता हर्षाई…
बधाई हो बधाई…

सुपति की आज्ञा से वाराणसी, स्वर्गपुरी सी सजी हुई।
रत्नों की वर्षा से धरती, वाराणसी की भरी हुई।
स्वयं कुबेरजी ने नगरी सजाई ।
बधाई हो बधाई…

सुरबालायें स्वर्ग से आई, देवीय वस्त्राभूषण लाई।
रत्नकुक्षी धारिणी वामा माता की सेवा कर के तृप्ति पाई ॥
तत्त्व चर्चा कर शंका मिटाई |
बधाई हो बधाई...





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