म्हारे आंगण आज आई देखो मंगल घड़ी - Jain Bhajan

म्हारे आंगण आज आई देखो मंगल घड़ी
मंगल घड़ी आई पावन घड़ी…
म्हारे आंगण आज आई देखो मंगल घड़ी…

वामादेवी माता जी ललना जायो, तीर्थङ्कर सुत अश्वसेन घर आयो।
दुल्हन सी आज लागे देखो वाराणसी
म्हारे आंगण आज आईं…मंगल घड़ी रे आई पावन घड़ी

अंतिम जन्म लिया प्रभु तुमने, स्वानुभूति रमणी को वरने। 
फिर नरकों में भी पलभर देखो शांति पड़ी…
म्हारे आंगण आज आई…मंगल घड़ी रे आई पावन घड़ी

सुरपति ऐरावत ले आये, शची इन्द्राणी मंगल गीत गाये। 
कलशा सजा ले आये क्षीर नीर भरी ….
म्हारे आंगण आज आई…मंगल घड़ी रे आई पावन घड़ी

रत्नमयी पलना में झूले, निज वैभव के रतन न भूले 
तीर्थेश्वर नाथ महिमा तुमरी जग में बड़ी…
म्हारे आंगण आज आई…मंगल घड़ी रे आई पावन घड़ी




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